Income Tax Refund: ITR फाइलिंग (ITR Filing) के दौरान छोटी-छोटी गड़बड़ियों की वजह से आपका आयकर रिफंड (Income Tax Refund) रुक सकता है। सही तरीके से रिटर्न भरने के बावजूद, पैन और बैंक डिटेल्स में मामूली मिसमैच की वजह से रिफंड में देरी हो सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कब और किन्हें इनकम टैक्स रिफंड मिलता है, रिफंड रुकने के कारण, और इसे कैसे ठीक करें।
Income tax refund Highlights
- ITR फाइलिंग के दौरान की गई छोटी-छोटी गड़बड़ियां रिफंड रोक सकती हैं।
- पैन और बैंक अकाउंट में दिए नाम में मिसमैच होने पर रिफंड रुक सकता है।
- रिटर्न फाइल करने से पहले डिटेल्स चेक करना आवश्यक है।
- रिफंड अटकने पर पैन और बैंक डिटेल्स को ठीक कर सकते हैं।
Important Points during ITR Filing
महत्वपूर्ण बिंदु | विवरण |
---|---|
रिफंड मिलने की स्थिति | TDS जमा राशि टैक्स देनदारी से ज्यादा हो, या एडवांस टैक्स ज्यादा भरा हो |
प्री-वैलिडेटेड बैंक खाता | रिफंड प्री-वैलिडेटेड बैंक खाते में ECS के जरिये जमा होता है |
रिफंड अटकने के कारण | पैन और बैंक अकाउंट नाम में मिसमैच, IFSC कोड गलत, बैंक खाता बंद |
रिफंड जारी करने की प्रक्रिया | पैन और बैंक डिटेल्स सही कर, रिफंड के लिए रिक्वेस्ट डालनी होगी |
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इनकम टैक्स रिफंड में गड़बड़ी: छोटी-छोटी गलतियों से रुक सकता है रिफंड
ITR फाइलिंग के दौरान अगर छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका सीधा असर आपके इनकम टैक्स रिफंड पर पड़ सकता है। सही तरीके से रिटर्न भरने के बावजूद भी पैन और बैंक डिटेल्स में मामूली मिसमैच की वजह से रिफंड में देरी हो सकती है।
कब और किन्हें मिलता है इनकम टैक्स रिफंड?
इनकम टैक्स रिफंड तब मिलता है जब:
- आपके एंप्लॉयर ने जितना TDS काटकर आयकर विभाग में जमा किया है, वह आपकी कुल टैक्स देनदारी से ज्यादा हो।
- आपने ज्यादा एडवांस टैक्स भर दिया हो।
यह रिफंड आपको अपने आयकर रिटर्न में क्लेम करना होता है। साथ ही, तय समय सीमा के भीतर अपना रिटर्न भरकर वेरिफाई करना भी जरूरी है। इसी के बाद आयकर विभाग आपके रिटर्न को प्रोसेस करेगा और रिफंड आपके बैंक खाते में जमा करेगा।
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रिफंड (Income tax refund) अटकने के मुख्य कारण
इनकम टैक्स रिफंड अटकने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- नाम में अंतर: पैन और बैंक अकाउंट में दिए गए नाम में मामूली अंतर होने पर रिफंड रुक सकता है।
- IFSC कोड: बैंक खाते का IFSC कोड सही नहीं होना।
- बैंक खाता बंद होना: जिस बैंक खाते का डिटेल आयकर विभाग के पास है, वह बंद हो चुका है।
रिटर्न भरने (ITR Filing) से पहले चेक करें डिटेल्स
रिटर्न फाइल करने से पहले टैक्सपेयर्स को निम्नलिखित बातें चेक करनी चाहिए:
- पैन (PAN card) और बैंक अकाउंट (Bank Account) में दिए गए नाम में कोई अंतर तो नहीं है।
- बैंक खाता पैन से लिंक है और इनकम टैक्स पोर्टल पर वैलिडेटेड है।
अगर बैंक खाते और पैन के नाम में जरा भी अंतर है, तो उसे ठीक कराना होगा।
रिफंड (Income tax refund) अटकने पर क्या करें?
अगर रिटर्न फाइल करने के बाद आपको पता चलता है कि आपका रिफंड अटक गया है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। आप पैन या बैंक खाते में करेक्शन करवा सकते हैं। एक बार गड़बड़ी ठीक हो जाने पर इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर रिफंड के लिए रिक्वेस्ट डालनी होगी।
कारण | समाधान |
---|---|
पैन (PAN card) और बैंक अकाउंट (Bank Account) में अंतर | बैंक खाते या पैन में करेक्शन करें |
IFSC कोड गलत | सही IFSC कोड बैंक डिटेल्स में अपडेट करें |
बैंक खाता बंद होना | नया बैंक खाता जोड़ें और उसे वैलिडेट करें |
ITR Filing FAQ (Frequently Asked Questions)
इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) कब मिलता है?
इनकम टैक्स रिफंड तब मिलता है जब TDS जमा राशि टैक्स देनदारी से ज्यादा हो या एडवांस टैक्स ज्यादा भरा हो।
पैन और बैंक अकाउंट में नाम के अंतर को कैसे ठीक करें?
पैन में दिए गए नाम को ठीक करने के लिए पैन करेक्शन फॉर्म भरकर सबमिट करें। बैंक खाते में दिए नाम को ठीक करने के लिए बैंक में दस्तावेज जमा करें।
रिफंड अटकने पर क्या करना चाहिए?
पैन और बैंक डिटेल्स सही कर, इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर रिफंड जारी करने के लिए रिक्वेस्ट डालें।
इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) कितने दिनों में मिलता है?
इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होने के बाद कुछ ही दिनों में रिफंड बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है।