Safari vs Chrome – Apple और Google की दोस्ती में आई दरार? लगता है ऐसा ही है। Apple ने अपने 1.4 बिलियन यूजर्स को एक क्रीपी मैसेज दिया है – अपने iPhone पर Google Chrome use करना बंद करो!
Apple और Google के बीच जटिल संबंध एक नए मोड़ पर आ गए हैं। Apple ने हाल ही में एक नया विज्ञापन अभियान शुरू किया है, जिसमें Safari ब्राउज़र की गोपनीयता और सुरक्षा विशेषताओं पर ज़ोर दिया गया है। इस अभियान का मुख्य संदेश है – iPhone उपयोगकर्ताओं को Google Chrome का उपयोग बंद कर देना चाहिए (Apple Alert)।
Apple News Today – ये सब अचानक क्यों? Google की नजर Safari यूजर्स पर है। वो चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग Chrome अपनाएं। अभी तो iPhone पर ज्यादातर सर्च Safari से होती हैं, क्योंकि Apple और Google के बीच एक डील है। लेकिन ये डील जल्द ही खत्म हो सकती है। अमेरिका और यूरोप में मोनोपॉली की जांच चल रही है, जो इस डील को खत्म कर सकती है। इसलिए Google ने प्लान B शुरू कर दिया है।
Safari vs Chrome: प्राइवेसी की जंग
Safari vs Chrome – Chrome का iPhone यूजर्स में सिर्फ 30% मार्केट शेयर है। Google इसे 50% तक पहुंचाना चाहता है। यानी 300 मिलियन और iPhone यूजर्स को अपने डेटा टेंट में लाना चाहता है। Apple को ये बिल्कुल पसंद नहीं है, क्योंकि इससे उसका बहुत सारा पैसा जाएगा। और जैसे-जैसे AI फोन में ही सर्च करने लगेगी, ये एक रिटेंशन vs कन्वर्जन की लड़ाई बन जाएगी।
इसीलिए आपको शायद अपने शहर में Safari की प्राइवेसी के बिलबोर्ड दिखाई दे रहे होंगे। ये कैंपेन सैन फ्रांसिस्को से शुरू होकर अब पूरी दुनिया में फैल गया है। और हालांकि इन ads में Chrome का नाम नहीं लिया गया है, पर सबको पता है किसकी बात हो रही है। मोबाइल डिवाइसेज पर Safari और Chrome का कंबाइंड मार्केट शेयर 90% से ज्यादा है। और iPhone पर तो ये सीधी टक्कर है इन दोनों के बीच।
Safari के टॉप प्राइवेसी फीचर्स
Apple ने Safari के कुछ मजेदार प्राइवेसी फीचर्स के बारे में बताया है:
- स्मार्ट ट्रैकिंग रोकथाम: ये फोन में ही लर्निंग करके अनचाहे ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है।
- IP एड्रेस छुपाना: Safari आपका IP एड्रेस ट्रैकर्स से छुपा देता है। IP एड्रेस से आपकी लोकेशन पता चल सकती है, इसलिए ये फीचर बहुत जरूरी है।
- लिंक ट्रैकिंग प्रोटेक्शन: मैसेज और मेल में शेयर किए गए लिंक से एक्स्ट्रा ट्रैकिंग इन्फो हटा देता है।
- एडवांस्ड प्राइवेट ब्राउजिंग: इससे यूजर्स को ट्रैकर्स और फोन तक पहुंच रखने वालों से ज्यादा सुरक्षा मिलती है।
Chrome की कमजोरियां
Safari vs Chrome – प्राइवेसी Chrome का सबसे बड़ा weakness है। ट्रैकिंग कुकीज अभी भी मौजूद हैं, और इन्हें हटाने की प्लानिंग में देरी हो रही है। Chrome का प्राइवेसी मोड उतना प्राइवेट नहीं है जितना यूजर्स सोचते हैं। हाल ही में, वॉर्निंग आई है कि Google एक छुपी हुई सेटिंग के साथ Chrome यूजर्स से डिवाइस डेटा कैप्चर करता है जिसे बंद नहीं किया जा सकता।
Apple का नया धमाकेदार कैंपेन – Apple New Ad About Google Chrome
Safari vs Chrome – Apple ने एक नया YouTube ऐड और बाहर लगने वाले पोस्टर्स लॉन्च किए हैं। इस ऐड में, सिक्योरिटी कैमरों को परेशान करने वाले पक्षियों और चमगादड़ों की तरह दिखाया गया है। ये कैमरे – यानी वेबसाइट ट्रैकर्स – हर जगह मौजूद हैं और बहुत annoying हैं। ऐड के अंत में, एक iPhone यूजर Safari खोलता है, और सारे creepy कैमरे हवा में ही blast हो जाते हैं।
ये ऐड हिचकॉक की फिल्म “The Birds” से inspire है। जैसे 1960s में वो फिल्म shocking और डराने वाली थी, ये ऐड भी एक छुपे हुए खतरे की बात करता है जो हर जगह है।
Apple का नया कैंपेन clearly यूजर्स को Safari use करने के लिए encourage कर रहा है, और Google Chrome के against (Safari vs Chrome) वॉर्निंग दे रहा है। लेकिन ये इतना simple नहीं है। सच्चाई ये है कि Apple के यूजर्स Google Search को पसंद करते हैं। Apple ने खुद इसे दूसरे options से better पाया है। ये browser की लड़ाई अभी शुरू हुई है, और आने वाले time में इस field में और भी exciting developments देखने को मिल सकते हैं।
Featured Image: Getty Image