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Share Price of Coal India: कोल इंडिया को ग्रेफाइट माइनिंग के लिए लाइसेंस मिला, जानिए इसके फायदे और संभावनाएं

By Saurabh

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Share Price of Coal India

Share Price of Coal India: कोल इंडिया (Coal India) लिमिटेड (CIL) ने ग्रेफाइट माइनिंग में कदम रखा है, जिसे सरकार ने लाइसेंस प्रदान किया है। ग्रेफाइट का उपयोग बैटरी और अन्य महत्वपूर्ण एप्लिकेशनों में होता है। आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण से, यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में ईवी को बढ़ावा देने में सहायक होगा। अब कंपनी (Coal India) कोयले के अलावा ग्रेफाइट माइनिंग में भी अपना कारोबार फैलाएगी।


Highlights:

Share Price of Coal India: Important Points

PointDetails
Companyकोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
Mineralग्रेफाइट
License Locationमध्य प्रदेश के अलीराजपुर में खट्टाली छोटी ग्रेफाइट ब्लॉक
Government Visionआत्मनिर्भरता
Usage of Graphiteबैटरी और अन्य महत्वपूर्ण एप्लिकेशनों में
Additional Informationग्रेफाइट माइनिंग के लिए कंपोजिट लाइसेंस मिला
Share Price of Coal India
Share Price of Coal India

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कोल इंडिया (Coal India) का ग्रेफाइट माइनिंग में कदम

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने अपने कारोबार में विस्तार करते हुए ग्रेफाइट माइनिंग में कदम रखा है। खान मंत्रालय ने कंपनी को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में खट्टाली छोटी ग्रेफाइट ब्लॉक के लिए प्रोस्पेक्टिंग और माइनिंग के लिए कंपोजिट लाइसेंस जारी किया है। इस कदम से कंपनी कोयले के अलावा ग्रेफाइट माइनिंग बिजनेस में भी शामिल हो जाएगी।

ग्रेफाइट का उपयोग

ग्रेफाइट एक महत्वपूर्ण खनिज है जिसका उपयोग बैटरी सहित कई महत्वपूर्ण एप्लिकेशनों में किया जाता है। ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) के बढ़ते उपयोग के चलते ग्रेफाइट की मांग बढ़ रही है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिए जाने के बीच ग्रेफाइट का महत्व और भी बढ़ गया है।

आत्मनिर्भरता विजन के तहत कदम

सरकार के आत्मनिर्भरता विजन के अनुसार, कोल इंडिया ने ग्लोबल और भारत के भीतर अन्य अहम खनिजों पर फोकस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है। इस टीम का उद्देश्य विभिन्न महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और माइनिंग में योगदान देना है।

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Coal India
Coal India

कोल इंडिया (Coal India) का बयान

कोल इंडिया में बिजनेस डेवलपमेंट के डायरेक्टर देवाशीष नंदा ने बताया, “कोयले के अलावा यह हमारे लिए पहला मिनरल है।” CIL को राज्य सरकार को भेजे जाने वाले मिनरल के वैल्यू का 150.05 फीसदी माइनिंग प्रीमियम देना होता है। कोल इंडिया ने शेयर बाजारों को बताया कि कंपोजिट लाइसेंस की समय सीमा एक वर्ष और माइनिंग लीज तीन साल के लिए है।

ग्रेफाइट माइनिंग (Graphite Mining) के फायदे

ग्रेफाइट माइनिंग से कोल इंडिया को कारोबार में डायवर्सिफिकेशन लाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, इससे कंपनी की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। ग्रेफाइट का उपयोग बैटरी और अन्य एप्लिकेशनों में होने के कारण इसका बाजार में अच्छा दाम मिलता है।

Graphite Mining
Graphite Mining

प्रोजेक्ट की शुरुआत

नंदा ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि, कोल इंडिया शुरुआती चरण में अपनी सहायक कंपनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (CMPDI) से कोल माइनिंग एक्सपर्टाइज का लाभ उठाएगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल FAQs

ग्रेफाइट का उपयोग कहां-कहां होता है?

ग्रेफाइट का उपयोग बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहनों, और कई अन्य महत्वपूर्ण एप्लिकेशनों में होता है।

कोल इंडिया (Coal India) को ग्रेफाइट माइनिंग का लाइसेंस कहां मिला है?

कोल इंडिया को ग्रेफाइट माइनिंग का लाइसेंस मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में खट्टाली छोटी ग्रेफाइट ब्लॉक के लिए मिला है।

ग्रेफाइट माइनिंग से कंपनी को क्या लाभ होगा?

ग्रेफाइट माइनिंग से कोल इंडिया को कारोबार में डायवर्सिफिकेशन लाने और आमदनी बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

आत्मनिर्भरता विजन के तहत कोल इंडिया ने क्या कदम उठाए हैं?

आत्मनिर्भरता विजन के तहत कोल इंडिया ने ग्लोबल और भारत के भीतर अन्य अहम खनिजों पर फोकस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है।

कोल इंडिया का ग्रेफाइट माइनिंग में कदम उठाने का यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे कंपनी के व्यापार में भी विविधता आएगी।

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Saurabh

Saurabh (skcwebworld) is a professional blogger and SEO Expert. He can be found writing, designing and coding all sort of great content & programs. Coding expert by day and news editor by night. Saurabh enjoys the ever changing world of web designing and data processing task's development. When not in front of a backlit device, he must be driving. He lives in Noida, Uttar Pradesh.

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