बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) वैशाख माह (Vaishakh Month) की पूर्णिमा (Purnima) तिथि को मनाई जाती है। इसे बुद्ध जयंती (Buddha Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) वैशाख माह (Vaishakh Month) की पूर्णिमा (Purnima) तिथि को मनाई जाती है। इसे बुद्ध जयंती (Buddha Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, शुक्र सूर्य युति से शुक्रादित्य योग, राजभंग योग और गजलक्ष्मी राजयोग होगा।
बुद्ध पूर्णिमा शुभ योग (Buddha Purnima Shubh Yog)
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पर सर्वार्थ सिद्धि योग 23 मई को सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 24 मई को सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा।
बुद्ध पूर्णिमा शुभ योग (Buddha Purnima Shubh Yog)
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) को सूर्य देव देव को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें और साथ ही साथ नदी में तिल भी प्रवाहित करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है, जब भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन गंगा स्नान और दान का भी विशेष महत्व होता है।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर में सत्यनारायण की कथा करने का बहुत अधिक महत्व है इसलिए इस दिन घर में श्री सत्यनारायण कथा का पाठ जरूर से करवाएं।
सत्यनारायण की कथा
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी थी।
बुद्ध पूर्णिमा- एक महत्वपूर्ण दिन
बुद्ध की कहानी लगभग 2,500 साल पहले नेपाल के लुंबिनी से शुरू होती है। उनके अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को उनके जन्मदिन और ज्ञान प्राप्ति का दिन मानते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास (History Of Buddha Purnima)