DRDO’s Indigenous Technology Cruise Missile: DRDO यानी की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने के बार फिर से भारतियों को एक तोहफा दिया है। आज दोपहर DRDO ने Indigenous Technology Cruise Missile का परिक्षण किया।
सफलता का एक पायदान चढ़ते हुए DRDO इस परिक्षण में सफलता हांसिल की। आपको बता दें की यह परिक्षण चांदीपुर में स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में किया गया, जो की ओडिशा के तट पर स्थित है।
Image Source: Twitter ANI
DRDO’s Indigenous Technology Cruise Missile
DRDO ने ये भी बताया की Cruise Missile के परीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की दुविधा नहीं आयी है। उनके सभी उपकरण सही से काम कर रहे थे और परीक्षण उनके प्लान के अनुसार चल कर सफल हुआ।
#WATCH | DRDO conducted a successful flight test of the Indigenous Technology Cruise Missile (ITCM) from the Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast of Odisha.
— ANI (@ANI) April 18, 2024
During the test, all subsystems performed as per expectation. The missile performance was monitored by… pic.twitter.com/Lq0alQcJ12
जैसा की आप सबको अंदाजा होगा की परिक्षण के दौरान बहुत प्रकार की मशीनो और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है जो परिक्षण को सफल बनाने में मदद करते हैं। जिसमे मिसाइल के उड़ान पथ पर निगरानी रखना से लेकर, उड़ान पथ की पूरी कवरेज करने के लिए बहुत सारे रडारों को प्रयोग में लिया जाता है जो की अलग अलग स्थानों पर होते हैं।
इसके अलावा इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर का प्रयोग किया जाता है।
आपको बता दें की Indigenous Technology Cruise Missile के परीक्षण के दौरान एक विमान इसके उड़ान की निगरानी कर रहा था जिसका नाम IAF Su-30-Mk-। ये विमान भी हमारी भारतीय वायु सेना का है।