NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित गड़बड़ी 5 मई को उजागर हुई। पटना में पुलिस ने 5-6 मई की रात 9 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें माफिया, सेंटर, छात्र और अभिभावक शामिल थे।
10 मई को मामला शास्त्री नगर पुलिस के पास से बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपने हाथ में लिया।
19 मई को ईओयू ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच के लिए 13 गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लिया। अब उनसे पूंछ तांछ जारी है।
21 मई को ईओयू ने एनटीए के डीजी को पत्र लिखकर 11 अभ्यर्थियों की जानकारी और उनकी उत्तरपुस्तिका की मूल कॉपी मांगी।
4 जून को नीट का रिजल्ट लोकसभा चुनाव नतीजों के दिन ही जारी हो गया, जबकि यह 14 जून को जारी होने वाला था।
नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में 12 जून को एनटीए ने ईओयू को 11 अभ्यर्थियों की डिटेल भेजी, जो 22 दिन बाद मिली।
16 जून- पेपर लीक मामले में जब छात्रों ने देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किया, तब ईओयू द्वारा आरोपियों से की गई पूछताछ का कबूलनामा सामने आया।
18 जून को नीट पेपर लीक का तार पहली बार संजीव मुखिया गिरोह से जुड़ा। संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव कुमार समेत 10 आरोपियों को रिमांड पर लिया।
19 जून- 5 मई को गिरफ्तार किए गए पेपर लीक के मुख्य साजिशकर्ता और बिहार सरकार के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु को निलंबित कर दिया गया। पूछताछ के दूसरे दिन 2 उम्मीदवार ईओयू कार्यालय पहुंचे।
20 जून को ईओयू की टीम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बुलाने पर दिल्ली गई। एडीजी नैयर हसनैन खान सबूतों के साथ पहुंचे और मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी।